भौगोलिक समाकलन का विज्ञान है। भौतिक भूगोल तथा मानव भूगोल के विभिन्न पक्षों का अध्ययन करके किसी क्षेत्र का एक भौगोलिक चित्र प्रस्तुत किया जाता है।भौतिक वातावरण का अध्ययन करने के लिए प्राकृतिक विज्ञान, भौतिकी रसायन विज्ञान आदि बहुत उपयोगी है। समाजिक विज्ञान मानवीय क्रियाओं का अध्ययन करने में सहायक करते हैं । इनके द्वारा भौतिक तत्वों का कृषि मानव बस्तियां आदि पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जाता है।इस प्रकार भूगोल प्राकृतिक रस सामाजिक विज्ञानों को परस्पर जोड़ता है । भूगोल को दोनों वर्गों के विज्ञानों में गिना जाता है।
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भूगोल से हमें क्या-क्या जानकारियां प्राप्त होती है।
भूगोल के अध्ययन द्वारा हमें भौतिक पर्यावरण तथा मानवीय क्रियाओं के संबंध में जानकारी होती है।
भूगोल हमें भूमंडल पर अपनी स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए संसार के अन्य देशों के साथ संबंध स्थापित करने के बारे में अवगत कराता है। अतः भूगोल का अध्ययन एक अंतरराष्ट्रीय भावना को जन्म देता है।
भूगोल हमें भूमंडल पर अपनी स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए संसार के अन्य देशों के साथ संबंध स्थापित करने के बारे में अवगत कराता है। अतः भूगोल का अध्ययन एक अंतरराष्ट्रीय भावना को जन्म देता है।
वातावरण की समग्रता से आपका क्या अभिप्राय है।
स्थलमंडल जलमंडल वायुमंडल तथा जीवमंडल मिलकर वातावरण की रचना करते हैं।इस वातावरण को मुख्य रूप से मानवीय वातावरण तथा प्राकृतिक वातावरण में बांटा जाता है।वातावरण के सभी अंग जीव रूपों को उत्पन्न व क्रियाशील रखने में सहायक होते हैं। वातावरण वास्तव में एक इकाई है। इस प्रकार वातावरण से संबंधित सभी तथ्य तथा मानवीय क्रियाएं मिलकर एक समग्र वातावरण उत्पन्न करते हैं। इस प्रकार समग्र वातावरण में भौतिक संस्कृति तथा जैविक वातावरण सम्मिलित है।
18वीं शताब्दी में आत्माओं के भौगोलिक वर्णन का क्या महत्व था। इस प्रकार के वर्णन करने वाले दो भूगोलवेत्ताओं के नाम लिखिए।
18वीं शताब्दी में नए-नए विभागों तथा समुद्र मार्गों की खोज हुई। इन यात्राओं के भौगोलिक वर्णन कब बड़ा राजनीतिक महत्व था। इससे नए-नए देशों तथा जातियों के बारे में रोचक तथ्यों का पता चला। इसके साथ ही यूरोपीय उपनिवेश के विजय अभियान जुड़े हुए थे। जर्मन भूगोल ए बी हंबोल्ट तथा कॉल रीटर इन यात्राओं का भौगोलिक वर्णन किया।
18वीं शताब्दी में विद्यालय में भूगोल को लोकप्रियता क्यों मिली।
प्राचीन काल में भूगोल विषय का अध्ययन संसार के बारे में सामान्य जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता था। 18वीं शताब्दी में भूगोल विद्यालयों में एक लोकप्रिय विषय बन गया। इसके अध्ययन से व्यापारियों प्रशासकों तथा उपनिवेशों को सुदूर भागों को जानने में मदद मिलती थी।
भूगोल के अध्ययन से पर्यावरण की जानकारी प्राप्त होने लगी। इससे पर्यावरण तथा मानव के संबंधों को सार्थक रूप प्रदान होने लगा।
भूगोल के अध्ययन से पर्यावरण की जानकारी प्राप्त होने लगी। इससे पर्यावरण तथा मानव के संबंधों को सार्थक रूप प्रदान होने लगा।
प्राचीन काल में भूगोल का एक विषय विज्ञान के रूप में स्थापित करने में किन भूगोलवेत्ताओं का योगदान रहा है
भूगोल ज्ञान का भंडार है। इस विषय को विज्ञान रूप में स्थापित करने में भारतीय, यूनानी तथा अरबी विद्वानों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। इसकी अधिकतर जानकारी अन्य विषयों से प्राप्त की जा रही है। हिप्पोक्रेट्स मनुष्य पर पर्यावरण के प्रभाव का वर्णन किया। अरस्तु ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक पॉलिटिक्स में राज्य के गठन पर भौगोलिक कारकों के प्रभाव को स्पष्ट किया।आर्यभट्ट तथा भास्कराचार्य ने ब्रह्मांड के ग्रह के रूप में पृथ्वी के आकार विस्तार आदि को समझने का प्रयास किया।
क्षेत्रीय भूगोल किसे कहते हैं।
भूगोल एक क्षेत्रीय विज्ञान है । मुख्य उद्देश्य है किसी क्षेत्र को उसकी समग्रता में प्रकृति के एक जीवित पहलू के रूप में समझना। किसी क्षेत्र के भौतिक वातावरण तथा मानवीय क्रियाओं के संबंधों का अध्ययन इसके अंतर्गत किया जाता है। इस प्रकार भूगोल किसी क्षेत्र में मनुष्य वातावरण तथा मानवीय क्रियाओं में एक अंत: संबंध का अध्ययन करता है। भूगोल क्षेत्रीय विभिन्न तथा वितरण संबंधों का अध्ययन करता है।
भूगोल को ज्ञान का भंडार कहा जाता है , क्यों?
प्राचीन काल में भूगोल के अध्ययन का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी के बारे में सामान्य ज्ञान प्राप्त करना था। यह ज्ञान यात्रियों व्यापारियों तथा विजेताओं की कथाओं पर आधारित था। कई विद्वानों ने पृथ्वी के आकार अक्षांश तथा देशांतर सौरमंडल आदि की जानकारी का समावेश भूगोल विषय के अंतर्गत किया।पृथ्वी के बारे में जानकारी अधिकतर अन्य विषयों से प्राप्त हुई । भूगोल को ज्ञान का भंडार कहा जाता है।
आधुनिक युग में भूगोल का क्या दृष्टिकोण है।
भूगोल का मुख्य दृष्टिकोण पृथ्वी के बारे में जानकारी प्रदान करना है। जिस प्रकार इतिहास समय का ज्ञान है,अर्थशास्त्र आर्थिक संबंधों का अध्ययन है । उसी प्रकार भूगोल किसी क्षेत्र तथा उसके वातावरण का अध्ययन है। किसी देश के धरातल चट्टाने मिट्टी वनस्पति तथा जलवायु की पृष्ठभूमि में मानवीय क्रियाओं का अध्यन किया जाता है। इस दृष्टिकोण के आधार पर भूगोल की एक क्षेत्रीय विज्ञान या जीववू विस्तार विज्ञान कहलाता है।
भूगोल की मुख्य शाखाओं का वर्णन करें।
भूगोल का स्वरूप आरंभिक काल में बहुत व्यापक था और तब तक पृथ्वी का उसके भागों से संबंधित समस्त प्रकार का ज्ञान इस विषय के अंतर्गत ही माना जाता था। धीरे-धीरे इसकी कई शाखाएं हो गई।
दूसरे शब्दों में भूगोल की शाखाओं का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:-
1. भू गणित --- इस पृथ्वी की आकृति आकार अक्षांश और देशांतर का अध्ययन होता है।
2. भू भौतिकी-- इसमें भूपटल भूकंप चुंबकीय क्षेत्रों खनिजों का अध्ययन किया जाता है।
3. भौतिक भूगोल-- इसमें खगोल विज्ञान समुद्र विज्ञान जलवायु विज्ञान आता है।
4. मानव भूगोल-- इसमें मनुष्य की प्रजातियों शारीरिक गठन धर्म भाषा व्यापार वाणिज्य रीती रिवाज एवं निवास स्थलों का अध्ययन किया जाता है।
5. संसाधन भूगोल-- इसमें पृथ्वी के संसाधनों की विशेषताओं तथा उनके उत्पादन एवं उपभोग का अध्यन किया जाता है।
6. मानचित्र कला -- इसमें विभिन्न मानचित्र ओं का अध्ययन किया जाता है।
दूसरे शब्दों में भूगोल की शाखाओं का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:-
1. भू गणित --- इस पृथ्वी की आकृति आकार अक्षांश और देशांतर का अध्ययन होता है।
2. भू भौतिकी-- इसमें भूपटल भूकंप चुंबकीय क्षेत्रों खनिजों का अध्ययन किया जाता है।
3. भौतिक भूगोल-- इसमें खगोल विज्ञान समुद्र विज्ञान जलवायु विज्ञान आता है।
4. मानव भूगोल-- इसमें मनुष्य की प्रजातियों शारीरिक गठन धर्म भाषा व्यापार वाणिज्य रीती रिवाज एवं निवास स्थलों का अध्ययन किया जाता है।
5. संसाधन भूगोल-- इसमें पृथ्वी के संसाधनों की विशेषताओं तथा उनके उत्पादन एवं उपभोग का अध्यन किया जाता है।
6. मानचित्र कला -- इसमें विभिन्न मानचित्र ओं का अध्ययन किया जाता है।
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