भूगोल ज्ञान का भंडार है। इस विषय को विज्ञान रूप में स्थापित करने में भारतीय, यूनानी तथा अरबी विद्वानों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। इसकी अधिकतर जानकारी अन्य विषयों से प्राप्त की जा रही है। हिप्पोक्रेट्स मनुष्य पर पर्यावरण के प्रभाव का वर्णन किया। अरस्तु ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक पॉलिटिक्स में राज्य के गठन पर भौगोलिक कारकों के प्रभाव को स्पष्ट किया।आर्यभट्ट तथा भास्कराचार्य ने ब्रह्मांड के ग्रह के रूप में पृथ्वी के आकार विस्तार आदि को समझने का प्रयास किया।
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