प्राचीन काल में भूगोल के अध्ययन का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी के बारे में सामान्य ज्ञान प्राप्त करना था। यह ज्ञान यात्रियों व्यापारियों तथा विजेताओं की कथाओं पर आधारित था। कई विद्वानों ने पृथ्वी के आकार अक्षांश तथा देशांतर सौरमंडल आदि की जानकारी का समावेश भूगोल विषय के अंतर्गत किया।पृथ्वी के बारे में जानकारी अधिकतर अन्य विषयों से प्राप्त हुई । भूगोल को ज्ञान का भंडार कहा जाता है।
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