भूगोल का स्वरूप आरंभिक काल में बहुत व्यापक था और तब तक पृथ्वी का उसके भागों से संबंधित समस्त प्रकार का ज्ञान इस विषय के अंतर्गत ही माना जाता था। धीरे-धीरे इसकी कई शाखाएं हो गई।
दूसरे शब्दों में भूगोल की शाखाओं का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:-
1. भू गणित --- इस पृथ्वी की आकृति आकार अक्षांश और देशांतर का अध्ययन होता है।
2. भू भौतिकी-- इसमें भूपटल भूकंप चुंबकीय क्षेत्रों खनिजों का अध्ययन किया जाता है।
3. भौतिक भूगोल-- इसमें खगोल विज्ञान समुद्र विज्ञान जलवायु विज्ञान आता है।
4. मानव भूगोल-- इसमें मनुष्य की प्रजातियों शारीरिक गठन धर्म भाषा व्यापार वाणिज्य रीती रिवाज एवं निवास स्थलों का अध्ययन किया जाता है।
5. संसाधन भूगोल-- इसमें पृथ्वी के संसाधनों की विशेषताओं तथा उनके उत्पादन एवं उपभोग का अध्यन किया जाता है।
6. मानचित्र कला -- इसमें विभिन्न मानचित्र ओं का अध्ययन किया जाता है।
दूसरे शब्दों में भूगोल की शाखाओं का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:-
1. भू गणित --- इस पृथ्वी की आकृति आकार अक्षांश और देशांतर का अध्ययन होता है।
2. भू भौतिकी-- इसमें भूपटल भूकंप चुंबकीय क्षेत्रों खनिजों का अध्ययन किया जाता है।
3. भौतिक भूगोल-- इसमें खगोल विज्ञान समुद्र विज्ञान जलवायु विज्ञान आता है।
4. मानव भूगोल-- इसमें मनुष्य की प्रजातियों शारीरिक गठन धर्म भाषा व्यापार वाणिज्य रीती रिवाज एवं निवास स्थलों का अध्ययन किया जाता है।
5. संसाधन भूगोल-- इसमें पृथ्वी के संसाधनों की विशेषताओं तथा उनके उत्पादन एवं उपभोग का अध्यन किया जाता है।
6. मानचित्र कला -- इसमें विभिन्न मानचित्र ओं का अध्ययन किया जाता है।
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